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**"Delta Air Lines Flight 191: The Story of a Horrific Plane Crash"**

 डेल्टा एयर लाइन्स फ़्लाइट 191 की दुर्घटना 2 अगस्त 1985 को डलास-फोर्ट वर्थ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट हुई थी। यह एक त्रासदीपूर्ण घटना थी, जिसमें 137 लोगों की जान गई। इस दुर्घटना का मुख्य कारण माइक्रोबर्स्ट नामक मौसमीय घटना थी, जो उस समय पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों के लिए अपेक्षाकृत अज्ञात थी।


"Delta Air Lines Flight 191: The Story of a Horrific Plane Crash"



माइक्रोबर्स्ट क्या है?

माइक्रोबर्स्ट एक तीव्र, स्थानीयकृत वायुमंडलीय घटना है, जिसमें ठंडी हवा तेजी से नीचे की ओर बहती है और जमीन से टकराकर सभी दिशाओं में फैलती है। यह अचानक और तीव्र वायु परिवर्तन उत्पन्न करता है, जो विमान के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकता है, विशेषकर टेकऑफ़ या लैंडिंग के समय।

दुर्घटना का विवरण

फ़्लाइट 191, एक लॉकहीड L-1011 ट्राईस्टार विमान, फ्लोरिडा के फोर्ट लॉडरडेल से डलास-फोर्ट वर्थ होते हुए कैलिफ़ोर्निया के लॉस एंजिल्स जा रहा था। डलास-फोर्ट वर्थ पर लैंडिंग के दौरान, विमान एक माइक्रोबर्स्ट के प्रभाव में आया, जिससे विमान ने ऊंचाई और गति खो दी। विमान रनवे से पहले जमीन से टकराया, एक कार पर गिरा, और फिर हवाई अड्डे के टैंकर से टकराकर आग की लपटों में घिर गया।

दुर्घटना के परिणाम

इस दुर्घटना में 137 लोगों की मृत्यु हुई, जिसमें विमान में सवार 136 में से 136 और जमीन पर एक व्यक्ति शामिल थे। इस घटना ने विमानन उद्योग में माइक्रोबर्स्ट और विंडशीयर जैसी मौसमीय घटनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाई। इसके परिणामस्वरूप, हवाई अड्डों पर उन्नत डॉपलर रडार सिस्टम स्थापित किए गए, जो माइक्रोबर्स्ट और अन्य खतरनाक मौसमीय स्थितियों का शीघ्र पता लगाने में सक्षम हैं।

इस दुर्घटना ने विमानन सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार लाए, विशेषकर मौसम संबंधी खतरों की पहचान और प्रबंधन में।




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