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आंध्र प्रदेश के अचार: अवाकाया और अन्य स्वादिष्ट विकल्प ://

आंध्र प्रदेश में अपने बैग और ग्लास के स्वाद के बारे में जानें। यहां के आचार्य (स्थानीय भाषा में आग्रह करते हैं) सिर्फ खाना संरक्षित करने का तरीका नहीं, बल्कि एक परंपरा और कला भी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। आंध्र के अचारों में अवकाया (आंध्र स्टाइल कच्चे आम का अचार) सबसे खतरनाक माना जाता है, जिसका स्वाद और सुगंध के लिए इसे पसंद किया जाता है। इस लेख में हम आंध्र प्रदेश के आचरण, उनके स्वभाव और उनके घर बनाने के बारे में विस्तार से जानेंगे।

आंध्र प्रदेश के अचार: अवाकाया और अन्य स्वादिष्ट विकल्प://



1.आंध्रप्रदेश की आचार्य परंपरा

आंध्र प्रदेश में अचार सिर्फ एक साइड डिश नहीं बल्कि भोजन का अहम हिस्सा है। यह मूल रूप से, तेल और वनस्पति पत्ते या कोलेस्ट्रॉल के संतुलन से बनाया जाता है, जिससे इसका स्वाद समय के साथ-साथ समाप्त भी हो जाता है। इन अचारों को सही तरीके से स्टोर करके कई महीनों या तीन महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है।


आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले जाने वाले सचिवालय में शामिल हैं

अवकाया (कच्चे आम का अचार) - आंध्र प्रदेश का सबसे लोकप्रिय अचार

गोंगुरा अचार – चुकुर (गोंगुरा) विश्राम से बना अचार

उसिकाया आचार्य - आँवले से आचार्य बना

चिंताकाया आचार्य - इमली से बना आचार्य

टमाटर-मीठे स्वाद वाला आचार्य

2. अवकाया: आंध्र प्रदेश का सबसे लोकप्रिय अचार

अकाया आचार्य के लिए आवश्यक सामग्री

रो आम - 4 बड़े (सख्त और आखरी)

हल्दी पाउडर – 1 कप

लाल मिर्च पाउडर – 1 कप (गुंटूर काली मिर्च पाउडर सबसे अच्छा रहता है)

नमक - ½ कप (स्वादिष्ट)

मेथी दाना - 2 बड़े टुकड़े

लहसुन की कलियाँ - 10-15 (वैकल्पिक) हल्दी पाउडर - 1 बड़ा चम्मच

तिल का तेल (ग्लिजिंग तेल) - 1.5 कप

अकाया मास्टर बनाने की विधि (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)

चरण 1: कच्चे आम की तैयारी

सबसे पहले, ईसाई और कट्टर रॉ आम चुनें।

आमों को अच्छे से धोकर पूरी तरह सुख लें।

आमों को छोटे मसालों में काट लें, जिनमें बीज का बाहरी सूखा भाग (तेनका) भी शामिल हो।

चरण 2: दारू की तैयारी

हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, नमक, हल्दी पाउडर और मेथी दाना में एक तत्व मिला लें।

लहसुन की कलियों को कुचलने वाले साँचे में मिला लें।

चरण 3: आम और अन्य को मिलाना

एक साफा और पेंसिल पोर में आम के टुकड़े और मिश्रण का मिश्रण तैयार किया गया।

ऊपर से तिल का तेल नोबल ग्रेट से रिफिल, ताकि सभी आम के सिद्धांतों पर अच्छी तरह से अमल हो सके।

चरण 4:आचार्य को स्टोर करना

मिश्रण को कांच या मिट्टी के बर्तन में भरें।

एबर्ट को ख़त्म कर दिया गया और पॉश्चर को सुखा दिया गया और हवा की जगह पर रख दिया गया।

हर दिन जीव जंतुओं से मिलें- सामान्य जीवन, ताकि सिद्धांत ठीक से मिल जाए।

चरण 5: डिज़ाइन तैयार करने के लिए

4-5 दिन बाद अचार पूरी तरह से तैयार हो जाएगा और इसका स्वाद और सुगंध निकल जाएगा।

इसे गर्म चावल, घी और दाल के साथ पारंपरिक, और आंध्र प्रदेश के पारंपरिक स्वाद का आनंद लें।

3. अन्य लोकप्रिय आंध्राचार्य और प्रकार

गोंगुरा अचार (चुकुर पत्ता अचार)

यह मास्टर गोंगुरा (सोरेल लीफ) से बनाया जाता है, जो थोड़ा सा और सस्ता होता है।

इसका उपयोग लाल मिर्च, सरसों और लहसुन के साथ किया जाता है।

अचार

पका हुआ टमाटर, सरसों, लहसुन और इमली सब मिलाकर बनाया जाता है।

इसे इडली, डोसा या चावल के साथ खाया जाता है.

उसिरिकाया (आँवला आचार्य)

नारियल आंवले से बना यह अचार विटामिन सी से भरपूर होता है।

यह कट्टा-मीठा और मसाला स्वाद देता है।

चिंतकया (इमली आचार्य)

इमली के गुड़, गुड़ और आटे से बना अचार यह मीठा-खट्टा और तीखा होता है।

इसे चावल या परांठे के साथ खाया जाता है।

4. बेहतरीन आंध्रा आचार्य डमकी के टिप्स

✅राक्षस और उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे और मूल चुनें।

✅ साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें-आचार में सफाई न हो, नहीं तो वह जल्दी खराब हो सकती है।

✅ हल्दी का तेल या तिल का तेल अगर इस्तेमाल किया जाए तो यह अचार अधिक स्वादिष्ट और सुरक्षित होता है।

✅ अचार को कांच या मिट्टी के बर्तन में स्टोर करें - प्लास्टिक के डिब्बों से सलाह।

✅ कम से कम 4-5 दिन तक सही दर पर उनके होटल का स्वाद बढ़ता रहेगा।

✅ हर बार आचार्य आदर्श समय आलोचकों का उपयोग किया जाता है।


5.आचार्य खास क्यों होते हैं?


✔ तेज तर्रार का प्रयोग - आंध्रा अचार अपने स्टॉक और चटपटी स्वाद के लिए।

✔ लंबे समय तक रुकें - सही तरीके से स्टोर करने के लिए इस अचार पर 6 महीने से 1 साल तक का समय लगता है।

✔ पाचन क्रिया के लिए - सरसों, मेथी और लहसुन पाचन क्रिया में मदद करते हैं।

✔ कई तरह के केक के साथ जा सकते हैं - जैसे चावल, रोटी, डोसा, पराठा आदि.


आंध्र प्रदेश के आचार, विशेष रूप से आकाया, केवल भोजन का हिस्सा नहीं, बल्कि एक संस्कृति और परंपरा भी हैं। अगर आप अचार बनाना जानते हैं या पहली बार बनाने की सोच रहे हैं, तो यह रेसिपी आपके डॉक्टर में आंध्र प्रदेश का असली स्वाद जोड़ बनाने वाली है।


तो आज ही अपने घर में अकाया मास्टर देखें और आंध्र के चित्र और चटपटे स्वाद का आनंद लें! आपका पसंदीदा आंध्र प्रदेश शिक्षक कौन है? हमें कमेंट में बताएं!

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